यह तालबों का का शहर हमारा।
यही ही गीत गाता हैं शहर सारा।।
जहां "ट्रैफिक जाम" का खेल हैं।
इसी शहर में "मेट्रो" का मेल है।।
जहां बड़े बड़े "शॉपिंग मॉल" हैं।
जहां"मल्टीप्लेक्स सीनेमा हॉल" हैं।।
बेंगलुरू शहर का हैं कहर सारा।
यही ही गीत गाता हैं शहर सारा।।
Saturday 15 July 2023
तालाबों का शहर है ...
Sunday 19 March 2023
बारिश आया.....
मौसम के बिना में बारिश आया.....
अपने साथ बारिश के बुँन्दे लाया ....
तपती मिट्टी को खिला दिया ....
मिट्टी की सुगंध से भर गया जिया....
जैसा की बारिश का मौसम आया....
( साभार आदित्य )
Monday 15 August 2022
कहाँ खो गए ....
इस दुनिया की भीड़ में तुम कहाँ खो गए ।
आसूं भी सुख गए, मन ही मन हम रो गए ।।
अब आप हमारें यादों में ही जिन्दा हो गए ।
अपने यादों के सायें में हमें छोड़ तो गए ।।
आप अपनों को छोड़कर किसके हो गए ।
आसूं भी सुख गए, मन ही मन हम रो गए ।।
(यह सभी को समर्पित है,जो आज हमारें साथ नहीं रहें।)
Sunday 14 August 2022
घर घर तिरंगा फहराते हैं.....
आज़ादी का अमृत उत्सव मनाते हैं।
हर घर, घर घर तिरंगा फहराते हैं।
केसरिया रंग हैं त्याग बलिदान का।
सफेद रंग शांति एकता सन्मान का।
अशोक चक्र हैं शांति का सन्देश हैं।
हरा, विश्वास, उर्वरता का आदेश हैं।
इसीसे हम भारत देश को जानते हैं।
हर घर, घर घर तिरंगा फहराते हैं।
Tuesday 26 July 2022
खड़ा हैं यह घर हमारा ....
गांव में खड़ा हैं यह घर हमारा
दीवारों के कंकाल का मारा मारा
बचपन पूरा यहीं गुजरा हमारा
माँ बाप के साथ लगता था प्यारा
गांव में खड़ा हैं यह घर हमारा
Saturday 25 December 2021
बेंगलुरु तालबों और पेड़ों का....
तालबों का शहर कहलाता
पेड़ों का शहर कहलता
कुछ तालब सूखायें लिएँ
कुछ पेड़ोंको काट दिएँ
शहर के विकास के लिएँ
लोगों की विकास के लिएँ
अब विकास का शहर कहलाता
प्रगति पथ का शहर कहलाता
Thursday 31 December 2020
नया साल शुभ हो, हर जन कहता हैं....
जब एक अंक बदल जाता हैं ।
उसके बाद नया साल आता हैं।
सप्ताह के दिन तो वही रहता हैं।
लेकिन दिन का अंक बदल जाता हैं।
जब नया अंक साल में बदलता हैं।
नया साल शुभ हो, हर जन कहता हैं।