Saturday, 29 May 2010

गुलाबी गुलदस्ता....

दिलके गुलदस्तें में फुलोंको युहीं सजाकर ....
जब भी  याद  आती एक फूल तोड़कर....
फेकना हमारी तरफ ज़रा गालोंमें हँसाकर...
बता देना क्या मीला गुल्दास्तेसे सर फोड़कर ....