Monday, 30 November 2009

गांधीजी के तिन बन्दर...

गाँधीजी के तिन बन्दर,
एक जुबान करके अन्दर.
दुसरा कान दबाकर.
तीसरा आंख बंदकर.
बुरा बोलो ना,
न बुरा सुनो, न देख बुरा.
सुन, बोल देख खरा खरा.
झांक ले जरा मन के अन्दर.
गांधीजी के तिन बन्दर ...

सूरज की किरणें

सूरज की किरणें पेड़ोंको चीरकर
नया सबेरा लिए आती जमिंपर
नयी सुबह, नया जोश लेकर
करतेहैं काम होशमें आकर
शुभ हो हमारा दिन,ऐसा बीनकर
सूरज की किरणें पेड़ोंको चीरकर