Wednesday 23 December 2009

पढने दो इसे खुद भी पढो...

नन्ने  मुन्ने बच्चे,बंद कर तेरी मुट्ठी...
एक दिन स्कूल की भी होगी छुट्टी...
अभिभावक ज़रा करो इसकी कदर...
न लगे उसके खेल कूद को नज़र...
किस्मत में इसे मत छोडो...
पढने दो इसे खुद भी पढो...