Thursday 11 October 2012

मंदिर खड़ा हैं यहाँ ...


मंदिर खड़ा हैं यहाँ देखो कैसा
दिखता हैं अर्जुन के रथ जैसा
अश्व खिंच रहें हैं धर्म  क्षेत्र में,
राष्ट्रीय महामार्ग सात पे ऐसा
मंदिर खड़ा हैं  यहाँ देखो कैसा
दिखता हैं अर्जुन के रथ जैसा


Monday 8 October 2012

सभीको हैं काम पर जाना...

शहर या गावं, सभीको हैं काम पर जाना
साथ में घरका भोजन बक्से में हैं लाना
शायद इसे ही हम सब कहते हैं जीना,
जब हर किसी के पास होता हैं खाना
शहर या गावं, सभीको हैं काम पर जाना 

'स्कूल' की गाड़ी में...

'स्कूल' की गाड़ी में बैठ जाना हैं
अब घर की ख़ुशी को पाना हैं
इस लियें चेहरें सब खिल उठतें,
चलो अब माँसे प्यार जताना हैं
चलो अब छुट गया आज 'स्कूल',
बातें प्यार से माँ को बताना हैं 
'स्कूल' की गाड़ी में बैठ जाना हैं

Sunday 7 October 2012

मंजिल की एक तलाश


अब मंजिल की एक तलाश लिए
चलते हैं अपने काम की आस लिए
चलते हैं चार लोग दो पहियाँ लिए,
जीवन के संघर्ष का अहसास लिए
अब मंजिल की एक तलाश लिए