Saturday 8 December 2012

इसलियें बना यह सेतु...


समन्दर पे भी हमने दिखा दिया हैं दम 
अब बांद्रा से वरली का रास्ता हुआ कम 
हमारा  एक ही हैं लक्ष्य और एक ही हेतु 
मंजिल हो पास  इसलियें बना यह सेतु 
जमीं नहीं अब समन्दर पे दौड़ रहे हैं हम 
अब बांद्रा से वरली का रास्ता हुआ कम 
समन्दर  पे भी हमने दिखा दिया हैं दम 

Sunday 2 December 2012

सूरज मुखी...




सूरज को देख कर खिलती हैं सूरज मुखी
अगर सूरज ढल जाता हैं  तो होती हैं दुखी
सूरज मुख लेकर सूरज से करती है प्यार,
रात में  सूरज के इन्तजार में रहती हैं झुकी
सूरज को देख कर खिलती हैं सूरज मुखी