Monday 24 September 2012

जीवन की गाड़ी ...


जीवन की गाड़ी चलती, पटड़ी की  साँस लिए
कुछ लोग आतें जातें, मुसफिरों के  भेस लिए
कितने स्टेशन पे स्टेशन आते और जाते हैं,
सफर में हम चलतें, मिलन का अहसास लिए
जीवन के गाड़ी चलती, पटड़ी की साँस लिए
कुछ लोग आतें जातें, मुसफिरों का भेस लिए


"तलकाडू" नाम ...

"तलकाडू" नाम, रेत के देश में
पाते हैं लोग एक अलग वेश में
जो अपना अलग छाप छोड़ते हैं,
अब फिरते हैं पारंपरिक भेंस में
"तलकाडू" नाम, रेत के देश में
पाते हैं लोग एक अलग  वेश में



बालक का रूप..



बालक का रूप लगता हैं सच्चा 
कृष्ण रूप में लगता  हैं अच्छा 
चेहरें पे लिए सहज सरल भाव, 
कितना प्यारा लगता हैं बच्चा 
बालक का रूप लगता हैं सच्चा 
कृष्ण रूप में लगता  हैं अच्छा