Monday 26 July 2010

पानी में सब मस्त हैं...

मस्ती के पानी  में सब मस्त हैं...
अपनेही  खेल में  सब व्यस्त  हैं...
पानी का यह पुराना नाता हैं..
डुबोता हैं, तो कभी हसाता हैं...
कभी आसूं बनकर रुलाता हैं... 
कभी शांति से हमें खिलाता हैं....
उग्र होकर कभी करता फस्त हैं...
मस्ती के पानी में सब मस्त हैं...