Friday, 4 December 2009

येही हमारा किसान...


बैलों का जोड़ा लेकर,
चल पड़ा खेत पर.
भूका प्यासा रहता,
कहलाता अन्नदाता.
येही हमारा किसान,
हैं सबसे महान.

1 comment:

निर्मला कपिला said...

बिलकुल सही कहा सटीक अभिव्यक्ति शुभकामनायें