Saturday, 6 November 2010

नये कल की नयी सोच ..


नये कल की नयी सोच लेकर आया..
आँखों में एक नया तेज लेकर आया..
ले ले मजा अब तु एक एक पल का ..
किस बोज़ तले डूबेगा,पता नहीं कल का..
तेरा अहंकार किसे तु देकर आया...
नए कल की नयी सोच लेकर आया...

1 comment:

ASHOK BAJAJ said...

'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय ' यानी कि असत्य की ओर नहीं सत्‍य की ओर, अंधकार नहीं प्रकाश की ओर, मृत्यु नहीं अमृतत्व की ओर बढ़ो ।

दीप-पर्व की आपको ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं ! आपका - अशोक बजाज रायपुर

ग्राम-चौपाल में आपका स्वागत है
http://www.ashokbajaj.com/2010/11/blog-post_06.html