Thursday, 19 May 2011

क़दमों के निशाँ ...


क़दमों के निशाँ रेत में छोडकर..
चलते हैं जीवन के इस मोड पर....
कई और निशाँ  साथ में समेटे,
वक्त की धारा चलती हैं मिटाकर...
क़दमों के  निशाँ  रेत में छोडकर...

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